कभी 150 रुपये में करती थीं टूथपेस्ट का प्रचार, अब बन गई सनातन स्टार
16 साल की उम्र में शुरू किया कॅरियर, शो में एकरिंग की, पिता को गिफ्ट की कार

प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में पहुंची सुंदरी हर्षा रिछारिया साध्वी बनने से पहले सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर थीं। दो साल पहले साध्वी ने अध्यात्म का मार्ग चुना है। महामंडलेश्वर कैलाशानंदगिरी जी शिष्या का असली नाम हर्षा रिछारिया है और वह भोपाल की रहने वाली है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह सी हर्षा रिछारिया ने छोटी उम्र में ही काम शुरू कर दिया था।
सोशल मीडिया फेम साध्वी का असली नाम हर्षा रिछारिया है। वह निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या खुद बताती है। मीडिया इंटरव्यू में हर्षा ने खुद को 30 साल की बताती है। एंकरिंग और मॉडलिंग करने वाली हर्षा रिछारिया ने दो साल पहले अध्यात्म का मार्ग चुना है। हर्षा मूल रूप से भोपाल की रहने वाली है।
शो में एंकरिंग करती थीं हर्षा रिछारिया
साध्वी के रूप में वायरल होने के बाद हर्षा रिछारिया की पुरानी तस्वीरें और वीडियो लोग शेयर कर रहे हैं। वह एंकरिंग, भक्ति एल्बम में अभिनय और इंस्टाग्राम पर कंटेंट बनाती दिख रही हैं। उनके इंस्टाग्राम बायो में उनके आध्यात्मिक संबंध और उत्तराखंड से जुड़ाव का जिक्र है। उनकी पोस्ट अधिकतर धार्मिक विषयों पर केंद्रित हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर वह हिंदूवादी बात करती है। कथित रूप से इसे लेकर उसे कई बार धमकी भी मिल चुकी है।
16 साल की उम्र में शुरू कर दिया था काम
हर्षा रिछारिया ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में संघर्ष की कहानी एक अवार्ड मिलने पर शेयर की थी। इसमें हर्षा ने बताया था कि उसने 16 साल की उम्र में काम की शुरुआत कर दी थी। परिवार को संभालने के लिए हर्षा रिछारिया को कम उम्र में ही काम करना पड़ा। हर्षा ने बीबीए किया है।
टूथपेस्ट के प्रचार के लिए हर दिन मिलते थे 150 रुपये
वहीं, हर्षा रिछारिया शुरुआती दिनों में एक सुपरमार्केट में टूथपेस्ट के लिए प्रमोशनल एक्टिविटी करती थी। इसके लिए उसे हर दिन 150 रुपये मिलते थे। अनुभव के बाद यह कमाई 150 रुपये हो गई थी। पारिवार की चिंता की वजह से वह तनाव में रहती थी। कई बार इस वजह से बीमार भी पड़ी। 18 साल की उम्र में हर्षा को एंकरिंग का काम मिला, जिसमें उसे एक एंकरिंग के लिए 250 रुपये मिले। बाद में हर्षा एंकरिंग ही करने लगी। इस काम के जरिए उसे शोहरत मिली और कमाई बढ़ने लगी।
पिता को गिफ्ट में दी कार
हर्षा रिछारिया को अब अच्छी कमाई होने लगी थी। साल 2015 में उसने अपने पिता को कार गिफ्ट में दिया था। मां को घर गिफ्ट करना था, लेकिन कोविड की वजह से ऐसा 2020 में नहीं हो पाया था। अब हर्षा की सारी चीजें पटरी पर लौट आई हैं। नाम के साथ फेम भी है। अब इंस्टाग्राम पर एक मिलियन से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। साथ ही हर्षा खुद को ट्रैवलर भी बताती है। वह मेकअप आर्टिस्ट और हेयर स्टाइलिस्ट भी है। महाकुंभ में इंटरव्यू के दौरान हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैंने सुकून के लिए अध्यात्म का मार्ग चुना है।