Harsha Richhariya के लिए माता-पिता ने देखे दो लड़के, बोले- जहां बेटी चाहेगी वहां करेंगे शादी
बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं कुंभ की सबसे सुंदर साध्वी, संघर्षों के दम पर बनाया अपना मुकाम

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के मंच पर जिस युवती ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी, वह हैं हर्षा रिछारिया। अपनी आकर्षक पर्सनैलिटी और साध्वी जैसे पहनावे के कारण वह ‘महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी’ के नाम से चर्चा में हैं। लेकिन क्या सच में वह साध्वी हैं? उनकी शादी की क्या प्लानिंग है? इस बारे मे हर्षा ने माता-पिता ने एक समाचार पत्र और चैनल से बातचीत की।
हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया ने बताया, हर्षा साध्वी नहीं बनी है। उसने संन्यास नहीं लिया, बल्कि गुरुदीक्षा ली है। वह एक सामान्य लड़की है। लोगों का धर्म की ओर झुकाव होना स्वाभाविक है, और मैं खुश हूं कि मेरी बेटी ईश्वर-भक्ति में लीन है। हर्षा ने भोपाल से बीबीए की पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने एंकरिंग का कोर्स भी किया है। तीन साल पहले केदारनाथ की यात्रा के दौरान उन्होंने आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाने का निर्णय लिया।
परिवार की आर्थिक स्थिति और हर्षा का संघर्ष
दिनेश ने बताया कि उनका परिवार शुरू से ही संघर्षों से भरा रहा है। वह पहले झांसी और खजुराहो के बीच कंडक्टर का काम करते थे। 2004 के उज्जैन कुंभ के बाद उन्होंने उज्जैन को अपना घर बना लिया और बाद में भोपाल में बस गए। हर्षा ने बचपन से ही कठिनाइयों का सामना किया। आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने दम पर अपना मुकाम हासिल किया।
मां चलाती हैं बुटीक, खुद सिले हर्षा के कपड़े
हर्षा की मां किरण रिछारिया ने बताया, मैं घर से ही बुटीक चलाती हूं। हर्षा जो कपड़े पहनती है, वो मैंने ही सिले हैं। वह भगवान भोलेनाथ की बहुत बड़ी भक्त है। 2004 के कुंभ में, जब उसे स्नान करने से पुलिस ने रोक दिया था, तब उसने कहा था कि एक दिन मैं हाथी पर बैठकर कुंभ जाऊंगी। आज वह सपना सच हो रहा है।
शादी के लिए माता-पिता ने देखे दो लड़के
हर्षा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी की शादी की चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा, हमने हर्षा के लिए दो लड़के देखे हैं। एक देहरादून से है और दूसरा नासिक से। जहां बात फाइनल होगी, वहां 1-2 साल में उसकी शादी कर देंगे। हर्षा की मां ने कहा, जब दूसरों की बेटियों को दुल्हन की ड्रेस पहनाते हैं, तो अपनी बेटी को क्यों नहीं पहनाएंगे? हालांकि, हर्षा ने अभी तक कभी नहीं कहा कि उसे किसी लड़के से शादी करनी है।
लोगों से अपील: ट्रोलिंग बंद करें
दिनेश रिछारिया ने हर्षा को लेकर हो रही ट्रोलिंग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “जो लड़की इतना रंगीन जीवन छोड़कर अध्यात्म की ओर गई है, कृपया उसे ट्रोल करना बंद करें। वह साध्वी नहीं बनी है। वह समाजसेवा के लिए एनजीओ चला रही है और लोगों के भले के लिए काम करना चाहती है।
हर्षा के साथ महाकुंभ में जाना माता-पिता का सपना
हर्षा की मां ने कहा कि वह अपनी बेटी के साथ महाकुंभ में शामिल होने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा, महाकुंभ में जाना हमारा सपना है। अब हम भी कुंभ में शामिल होकर अपनी बेटी का साथ देंगे। उन्होंने कहा कि बेटी का धर्म की ओर झुकाव देखकर उनको बेहद खुशी होती है।